Lunar Eclipse 7 September 2025 (चंद्रग्रहण 7 सितम्बर 2025) Timing, Blood Moon, Significance & Astrology Effects

Lunar Eclipse 7 September 2025 (चंद्रग्रहण 7 सितम्बर 2025) Timing, Blood Moon, Significance & Astrology Effects


🌕 7 सितम्बर 2025 चंद्रग्रहण (Lunar Eclipse) – समय, महत्व, धार्मिक मान्यताएँ और वैज्ञानिक रहस्य




प्राचीन समय से इंसान ने आसमान को देखा है। पूर्णिमा की रात जब चाँद अपनी रोशनी से धरती को भर देता है तो हर ओर एक जादुई माहौल बन जाता है। लेकिन वही चाँद अचानक लाल हो जाए तो? यही है चंद्रग्रहण (Chandra Grahan)।
7 सितम्बर 2025 का यह चंद्रग्रहण खास होगा क्योंकि इस दिन पूर्ण चंद्रग्रहण या ब्लड मून दिखाई देगा और इसकी अवधि होगी 82 मिनट।


                                                                                                 





🕰️ चंद्रग्रहण 2025 का समय (India Timing)

चरण समय (भारतीय मानक समय)

ग्रहण शुरू 7 सितम्बर 2025, रात 8:58
आंशिक ग्रहण शुरू 7 सितम्बर 2025, रात 9:57
पूर्ण ग्रहण (Blood Moon) शुरू 7 सितम्बर 2025, रात 11:00
पूर्ण ग्रहण समाप्त 8 सितम्बर 2025, रात 12:22
आंशिक ग्रहण समाप्त 8 सितम्बर 2025, रात 1:26
उपच्छाया ग्रहण समाप्त 8 सितम्बर 2025, रात 2:25


👉 कुल अवधि: लगभग 3 घंटे 28 मिनट
👉 पूर्ण ग्रहण की अवधि: 82 मिनट


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🔴 ब्लड मून क्यों होता है?

जब चंद्रग्रहण होता है तब पृथ्वी सूरज और चाँद के बीच आ जाती है।

सूर्य की किरणें पृथ्वी के वायुमंडल से गुजरकर चाँद तक पहुँचती हैं।

नीली रोशनी बिखर जाती है और लाल रंग की किरणें सीधे चाँद पर पड़ती हैं।
👉 इसी कारण चाँद लाल या ताम्र रंग का दिखाई देता है, जिसे Blood Moon कहा जाता है।



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🌍 कहाँ-कहाँ दिखाई देगा यह चंद्रग्रहण?

🇮🇳 भारत में:

दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे और अन्य सभी बड़े शहरों से इसे साफ देखा जा सकेगा।

🌎 दुनिया भर में:

एशिया

यूरोप

अफ्रीका

ऑस्ट्रेलिया

अमेरिका के कुछ हिस्सों में



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🌟 क्यों खास है 7 सितम्बर 2025 का चंद्रग्रहण?

यह 82 मिनट लंबा पूर्ण चंद्रग्रहण होगा।

इसे Blood Moon 2025 के नाम से भी जाना जाएगा।

आने वाले वर्षों में इतना सुंदर और लंबे समय तक चलने वाला चंद्रग्रहण फिर जल्दी नहीं दिखेगा।



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🕉️ धार्मिक और आध्यात्मिक मान्यताएँ

हिन्दू धर्म में

ग्रहण के दौरान मंत्रजप, ध्यान और दान-पुण्य करना शुभ माना जाता है।

गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।

ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान करना शास्त्रों में अनिवार्य बताया गया है।


इस्लाम में

ग्रहण के समय विशेष नमाज़ (सलातुल कुसूफ़) पढ़ी जाती है।

इसे अल्लाह की कुदरत का निशान माना जाता है।


ईसाई और अन्य संस्कृतियाँ

कुछ ईसाई इसे "Sign from God" कहते हैं।

प्राचीन माया और अन्य सभ्यताओं ने इसे रहस्यमयी घटना माना।



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🔯 ज्योतिष शास्त्र के अनुसार असर (राशि अनुसार)

मेष राशि: नौकरी व करियर में नया मोड़

वृष राशि: धन संबंधी बदलाव

मिथुन राशि: रिश्तों में संवेदनशीलता

कर्क राशि: परिवार में निर्णय

सिंह राशि: सेहत पर ध्यान दें

कन्या राशि: शिक्षा में लाभ

तुला राशि: दांपत्य जीवन में संतुलन

वृश्चिक राशि: मानसिक तनाव पर नियंत्रण ज़रूरी

धनु राशि: यात्रा के अवसर

मकर राशि: व्यापार में परिवर्तन

कुंभ राशि: आध्यात्मिक उन्नति

मीन राशि: धन लाभ की संभावना



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🧪 विज्ञान बनाम विश्वास

वैज्ञानिक मानते हैं कि चंद्रग्रहण एक प्राकृतिक खगोलीय घटना है।

परंतु धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसका असर इंसान की ऊर्जा और भाग्य पर भी पड़ता है।
👉 दोनों दृष्टिकोण मिलकर इस घटना को और भी रोचक बना देते हैं।



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🩺 स्वास्थ्य संबंधी सावधानियाँ

गर्भवती महिलाएँ ग्रहण के दौरान बाहर न निकलें।

ग्रहण देखने के बाद स्नान करना लाभकारी है।

ध्यान और योग करने से मानसिक शांति मिलती है।



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👀 ग्रहण देखने के सुरक्षित उपाय

इसे आप बिना किसी विशेष चश्मे के सीधे आँखों से देख सकते हैं।

दूरबीन या टेलिस्कोप से देखने पर दृश्य और सुंदर लगेगा।

कैमरे या मोबाइल से फोटो खींचने के लिए ट्राइपॉड का उपयोग करें।



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🎭 साहित्य और संस्कृति में चंद्रग्रहण

कविताओं और कहानियों में चंद्रग्रहण रहस्य का प्रतीक रहा है।

भारतीय पुराणों में राहु-केतु से जुड़े कई प्रसंग मिलते हैं।

प्रेमी इसे "रक्त चाँद" के नाम से भी पुकारते हैं।

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