दिल्ली के आवारा कुत्तों को जेल नहीं, शेल्टर में भेजने का सुप्रीम कोर्ट का आदेश – सच क्या है?

दिल्ली के आवारा कुत्तों को जेल नहीं, शेल्टर में भेजने का सुप्रीम कोर्ट का आदेश – सच क्या है?

मीडिया पर फैल रही फेक न्यूज़ से सावधान! हाल ही में दिल्ली के आवारा कुत्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का एक महत्वपूर्ण आदेश आया है, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह की अफवाहें फैल रही हैं। आइए जानते हैं असली सच क्या है।


                                        

                                            




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सुप्रीम कोर्ट का आदेश – 11 अगस्त 2025


देश की सर्वोच्च अदालत ने 11 अगस्त को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया, जिसमें दिल्ली की सड़कों पर मौजूद सभी आवारा कुत्तों को पकड़कर शेल्टर होम में भेजने का निर्देश दिया गया।


यह मामला सुप्रीम कोर्ट की डिवीजन बेंच (Justice J. B. Pardiwala और Justice R. Mahadevan) ने सुना।


आदेश के अनुसार, 8 हफ्तों के भीतर सभी सड़क के कुत्तों को शेल्टर में लाना होगा।


शेल्टर जेल नहीं है, बल्कि यहां कुत्तों के इलाज और देखभाल की उचित व्यवस्था होगी।




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सुप्रीम कोर्ट ने यह केस क्यों लिया?


दिलचस्प बात यह है कि यह केस किसी ने दायर नहीं किया था। सुप्रीम कोर्ट ने 28 जुलाई 2025 को एक न्यूज़ रिपोर्ट देखी और स्वतः संज्ञान (Suo Motu) लेते हुए कार्रवाई शुरू की।


कारण:


2025 में अब तक 35,000 से अधिक डॉग-बाइट के मामले दिल्ली में दर्ज हुए।


49 लोग रेबीज़ (Rabies Virus) से संक्रमित हुए।




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रेबीज़ रोग – कितना खतरनाक?


रेबीज़ एक घातक वायरल बीमारी है, जो एक बार हो जाने के बाद 100% मृत्यु दर रखती है।


अगर किसी व्यक्ति को रेबीज़ हो जाए, तो उसका बचना लगभग असंभव है।


संक्रमित कुत्ता भी बच नहीं पाता।


एक कुत्ता अगर दूसरे कुत्ते को काटे, तो बीमारी फैल सकती है।




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बचाव संभव है – Anti-Rabies Vaccine


रेबीज़ से बचाव संभव है, अगर समय रहते वैक्सीन लगाई जाए।


अगर किसी को कुत्ता काट ले, तो 0 से 7 दिन के भीतर Anti-Rabies Vaccine लगवाना जरूरी है।


यह वैक्सीन मृत (inactive) Rabies virus से बनती है, जो हमारे immune system को इस वायरस को पहचानना और नष्ट करना सिखाती है।




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कुत्तों के लिए भी सुरक्षा


सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि शेल्टर में लाए गए सभी कुत्तों को भी Anti-Rabies Vaccine दी जाएगी, ताकि वे और किसी को संक्रमित न करें और सुरक्षित रहें।



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आगे क्या होगा?


यह आदेश 14 अगस्त को तीन जजों की डिवीजन बेंच में चैलेंज किया गया है। अब देखना होगा कि आगे इस फैसले में कोई बदलाव होता है या नहीं।



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निचोड़


सुप्रीम कोर्ट का आदेश मानवता के खिलाफ नहीं, बल्कि मानवता और जनस्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए है।


शेल्टर में कुत्तों को सुरक्षित और स्वस्थ रखा जाएगा।


सोशल मीडिया की अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक खबरों पर भरोसा करें।

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